इस साल का आखिरी चंद्र ग्रहण 30 नवंबर 2020 सोमवार || Chandra Grahan 2020 || Lunar Eclipse November

 इस साल का आखिरी चंद्र ग्रहण कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा यानी 30 नवंबर 2020 सोमवार को लगेगा। इस बार यह चंद्र ग्रहण रोहिणी नक्षत्र में हो रहा है। जो कि 4 घंटे 21 मिनट का होगा।  



हमारे हिंदू पंचांग के अनुसार चंद्र ग्रहण का समय

चंद्र ग्रहण स्पर्श दिन में 1:02 पर होगा।

ग्रहण मध्य दिन में  3:13 पर

ग्रहण का मोक्ष शाम को  5:23 पर होगा।

कहा कहा दिखाई देगा चंद्र ग्रहण 

चंद्रग्रहण भारत मैं कोलकाता आसाम अरुणाचल तिरूपुरा बिहार झारखंड आदि अन्य उत्तर पूर्वी एवं मध्य पूर्वी भारत समेत यूरोप एशिया ऑस्ट्रेलिया अफ्रीका दक्षिण पश्चिम अमेरिका अपराध स्थान इंग्लैंड आयरलैंड स्वीडन सहित प्रशांत महासागर आदि दिखाई देगा।

उपच्छाया चंद्र ग्रहण क्या है ?

चंद्र ग्रहण में पृथ्वी सूर्य की ऊर्जा को चंद्रमा तक नहीं पहुंचने देती है इसलिए उपचाया चंद्र ग्रहण के दौरान चंद्रमा का बिब धुंधला हो जाता है तो इसे उपच्छाया चंद्र ग्रहण कहां जाता है।

सावधानी 

ग्रहण के प्रभाव को कम करने के लिए जातको को ग्रहण प्रारम्भ होने से पूर्व चाँदी का चन्द्रमा और नाग बनवाकर रखना चाहिए और जैसे ही ग्रहण समाप्त हो जाए तो इनका दान कर दें

हर गर्भवती महिला को ध्यान में रखनी चाहिए कि चंद्रग्रहण के समय किसी भी गर्भवती महिला को चंद्रग्रहण नहीं देखना चाहिए। चंद्रग्रहण के समय ईश्वर का ध्यान, जाप और पूजा करनी चाहिए। चंद्रग्रहण के दौरान भोजन दूषित हो जाते है इसलिए चंद्रग्रहण के दौरान भोजन ग्रहण व बनाना नहीं करना चाहिए। भोजन को दूषित होने से बचाने के लिए ग्रहण प्रारम्भ होने के पूर्व खाने के भोजन, पीने के जल में तुलसी का पत्ता डाल दे ऐसा करने से भोजन दूषित नहीं होगा। ग्रहण समाप्त होने के बाद तुलसी के पत्ते को बाहर निकाल दें। चंद्रग्रहण प्रारम्भ होने के बाद गर्भवती महिलाऐं घर से बाहर न निकले। यदि बाहर निकलना आवश्यक हो तो अपने गर्भ पर चंदन के साथ तुलसी के पत्तो को पीसकर उसका लेप तैयार करें और उसे लगा कर घर के बाहर निकले। ग्रहण के समय गर्भवती स्त्रियाँ कैची, ब्लेड और किसी भी काटने वाले वस्तु को हाथ न लगाए और न ही इनका प्रयोग करें। ग्रहण के समय गर्भवती स्त्रियाँ भगवान श्री कृष्ण का मंत्र जाप करें। ऐसा करना उनके लिए काफी शुभ साबित होगा।