जन्मकुंडली में चौथे घर की जानकारी


जन्म कुंडली में चौथा घर
चौथे घर का रात्रि में गहरा संबंध है इस घर में शुभ ग्रह हो तो रात्रि में कार्यों का पूर्ण फल प्राप्त होता है इस घर में स्थित शुभ ग्रह हमारे जीवन में आने वाली कठिनाइयों के समय जागृतवस्था में रहकर हमारी सुरक्षा करेंगे
धन संपदा के संबंध में भी यह चौथा घर हमारे पूर्व जन्म से लाई हुई बंद मुट्ठी का कारक भी है पूर्व जन्म के अनुसार हमारा जो भाग्य है उसके फल की प्राप्ति का संबंध भी चौथे घर से रहता है
कुंडली के चौथे घर का स्वामी तथा कारक ग्रह चंद्रमा है इस घर से चंद्र उच्च फल देता है चंद्र या बृहस्पति का चौथे घर में होना अपने आप में शुभ रहता है प्राचीन ज्योतिष में चौथे घर को माता का घर भी माना गया है तो लाल किताब के अनुसार चौथा घर पिता का होता है पिता से क्या मिलेगा उसकी दशा का जायजा चौथे घर से मिलता है पिता के साथ हमारे संबंध कैसे रहेंगे इसके संकेत भी चौथे घर से पता चलता है
जन्म कुंडली में चौथा घर पानी रखने के स्थान से संबंधित है नल कुआं आदि का कारक भी चौथा घर ही है हमारी शरारत दृष्टि से हमारे शरीर में सर्दी गर्मी की जो तासीर है उसका संबंध भी चौथे घर से ही होता है हमारे मन की शांति का चौथे घर से विशेष संबंध है यहां पर अशुभ ग्रह होने से मन की शांति पर बुरा असर पड़ता है कई बार यह देखते है कि सब कुछ होते हुए भी मन में प्रसन्नता नहीं रहती है समस्या में होते हुए भी मन उदास रहता है
चौथे घर का संबंध हमारी आयु के दूसरे भाग यानी 25 से 50 वर्ष की आयु से भी है अपने ग्रस्त जीवन और युवा अवस्था के समय में हम किसी सीमा तक लाभ हो सकता है यह घर हमारे भाग्य से जुड़ा हुआ है पिछले जन्म के कर्मों का फल इस जन्म में कितना मिलेगा यह भी चौथे घर से स्पष्ट होता है
दिशा के हिसाब से चौथा ग्रह पूर्व और उत्तर दिशा का कारक है हमारे कार्य व्यवसाय के संबंध में भी चौथा घर का संकेत करता है कपड़े पानी और दूध के व्यवसाय से यह घर जुड़ा हुआ है चौथे घर में चंद्रमा हो तो खर्च करने और बढ़ने वाला आदमी का दरिया चौथा घर है चौथे घर में शुभ ग्रह होने पर कपड़े के व्यवसाय मे लाभ मिलता है बशर्ते की दसवें घर में कोई अशुभ ग्रह ना हो इसके पीछे तर्क यह है कि चौथे घर की सातवीं दृष्टि दसवे घर अर्थात हमारे करम पर पड़ती है
चौथा घर हमारी आमदनी के उपायों से जुड़ा हुआ है जीवन में हम जो कम आएंगे उस कमाई का प्रवाह किसी और से किस रूप में हमारे जीवन में बेगम इसका निर्देशन यही करेगा यह घर हमारी गर्भावस्था या माता के पेट से संबंधित है माता के गर्भ से बाहर आने पर से प्रतिनिधित्व भी चौथा घर है चंद के दुर्बल होने की अवस्था में स्वास्थ्य ठीक नहीं रहता है
चंद्रमा का घर हमारी माता से संबंधित है यहां खराब करें होने पर माता के लिए अशुभ है माता का मन अशांत एवं स्वास्थ्य ठीक नहीं रहता यहां राहु शुक्र हो तो माता की सेहत पर बुरा असर पड़ता है इस घर में मंगल और केतु भी मां का स्वास्थ्य बिगड़ते हैं माता के भाई बहन माता के माता पिता यानी नाना नानी का भी संबंध इसी घर से है यहां पर अशुभ ग्रह होने पर माता पर बुरा असर पड़ता है कई बार यहां बैठा नीच मंगल मामा की मौत का कारण भी बन जाता है या उसके जीवन में कई कठिनाइयां आती रहती है
चौथा घर पानी में रहने वाले जीव जंतु दूध देने वाले पशु जैसे गाय भैंस बकरी आदि से संबंध रखता है वाहन के संबंध में यह घर घोड़े का कारक है
चौथे घर में लक्ष्मी का निवास भी है यानि व्यक्ति के धन संग्रह का घर इसी घर में शुभ ग्रह हो तो मकान के उसी भाग में धन रखने से काफी लाभ मिलता है किस साधन से हम धन कमाएंगे और कितना जोड़ कर रखेंगे इस बात का संकेत भी चौथे घर से पता चलता है
पौधों में रस भरे फलो के वृक्षों का कारक भी चौथा ग्रह है तरबूज आम अंगूर अनानास जैसे रस भरे फलों का कारक बी चौथा ग्रह है
शरीर के अंगों में से छाती और दिल का ताल्लुक भी चौथे घर से जुड़ा हुआ है मुख्य रूप से चौथे घर में अशुभ ग्रह आने से दिल की बीमारी हो सकती है स्त्री की जन्म कुंडली में चौथा घर नाभि या पेट के अंदरूनी हिस्से से संबंध रखता है स्त्री की जन्म कुंडली में चौथे घर में अशुभ ग्रह रहने से प्रसव के समय मैया गर्भावस्था के दिनों में स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है
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