जन्मकुंडली में दूसरे घर की जानकारियां


जन्मकुंडली में दूसरा घर
कुंडली के दूसरे घर का संबंध उत्तर और पश्चिम की दिशा से है इस घर में बृहस्पति अपना उत्तम फल प्रदान करते हैं इस घर में बैठे हुए पराए सभी ग्रह शुभ फल ही देते हैं बशर्ते की उस समय आठवें घर में कोई अन्य ग्रह ना हो इस ग्रह का कारक ग्रह बृहस्पति को माना गया है वस्तुतः यह घर मान-सम्मान का भी है और यह दोनों बातें बृहस्पति ही कारक है
कुंडली का दूसरा घर हमारी इज्जत आबरू और धन संपदा का बोधक भी है हमारा सम्मान किस सीमा तक होगा और हमारे पास कितना धन होगा धन का मतलब शुभ तरीकों और साधनों से कमाया हुआ धन रिश्वत या अन्य बुरे मार्गो से कमाया धन का संबंध छत्तीसगढ़ से हो सकता है किंतु दूसरे घर से नहीं मकान के बारे में कुछ संकेत इस घर से मिलते हैं जैसे मकान किस प्रकार होगा छोटा या बड़ा होगा
हम जितना ऐशो आराम तलब कर सकते हैं उससे भी यह घर संबंध रखता है यह घर हमारे अंदर की नेकी बंदी भीतरी ज्ञान हमारा जो संसार से संबंध है उस विषय की हमारी मोह माया या हमारा दूसरों से काम निकलवाने का तरीका आदि का भी संकेत देता है किसी सीमा तक मानसिक रूप से प्रेम भी इसी घर से संबंध रखता है
दूसरे घर का कारक बृहस्पति देव हैं किंतु काल पुरुष की कुंडली के अनुसार दूसरे घर में वृष  राशि आती है वृष राशि का स्वामी शुक्र देव है बृहस्पति इस घर का कारक होने के कारण यह घर भी हमारी आध्यात्मिकता के बारे में ज्ञान कारक है इस ज्ञान का संबंध हमारे जीवन के पहले भाग से है यानी 25 वर्ष तक की आयु जीवन के इस भाग में जो ज्ञान हम प्राप्त करते हैं उसका संबंध भी दूसरे घर से है हमारे अपने भाग्य यानी संसार से जो धन सम्मान हम प्राप्त करेंगे उसका भी संबंध इसे घर से है इस दूसरे घर का संबंध मिट्टी यानी खेती आदि की भविष्य भी है इसके अतिरिक्त उड़न सील पदार्थों पेट्रोल गैस शादी का संबंध भी इसी घर से है हमारी अपनी कमाई से की हुई बजट के धन का और साथ ही अपनी पत्नी से मीना हुआ धन यानी ससुराल अध्यात्मिक रुप से संयासी के धन का कारक भी यह ग्रह अर्थात जो धन शुभ साधनों से द्वारा कुमार आ गया हो
दूसरा घर हमारे जन्म मरण का द्वार भी है इसका कोई न कोई संबंध हमारे पिछले या अगले जन्म से भी है यह संबंध फल कथन की राशि से कोई महत्व नहीं रखता यह घर हमारे सुसराल का भी चलाता है इसका मतलब सुसराल कैसी होगी उसके साथ हमारे संबंध कैसे होंगे यह बताने का काम भी यह घर करता है
हम अपने घर में कोई जानवर पालते हैं तो उसके बारे में भी इस घर से ही जाना जा सकता है दूसरे घर को धर्म घर की संज्ञा दी जाती है उस जने का संबंध भी इसी घर से है मनी प्लांट जैसे शाखा काटकर उगाई जाने वाले को धोखा संबंध भी इसी घर से है दूसरे घर पर शुक्र का अधिकार है
हमारे शरीर के अंगो में गर्दन और माथे की बीच के तिलक लगाने का स्थान का संबंध भी इसी घर पर हैं यह घर हमारे परिवार से भी संबंधित है लेकिन यह युवा अवस्था के समय का प्रतीक है इसके अतिरिक्त हम अपने रिश्तेदारों से जो कुछ हासिल करेंगे या जॉब कुछ हमें उन्हें देना पड़ेगा उसका संबंध भी दूसरे घर से ही है किसी सीमा तक अध्यात्मिक प्राप्ति का संबंध भी दूसरे घर से जुड़ा है संभव है कि यह घर पर बृहस्पति का अधिकार होने से ही यह घर अध्यात्म का कारक बन गया है अध्यापक भी इसी घर से उन्नति प्राप्त करते है
अतः अधिक जानकारी के लिए या महाराज जी के द्वारा ज्योतिष सीखने के लिए आप संपर्क कर सकते हैं