जन्मकुंडली मे पहला घर
जातक की कुंडली में सूर्य जहां कहीं भी स्थित हो उसकी दिशा से पता चलेगा कि पहले घर में क्या होगा इसी प्रकार सभी घरों में घरों के कारको का वृत्तांत आएगा तो वह कहीं भी स्थित हो उसकी अवस्था देख कर ही उसके घर का पक्का फलादेश स्पष्ट हो जाएगा
कुंडली के पहले घर से हम जिस तरह किसी व्यक्ति का नाम उसकी हैसियत जान सकते हैं उसी तरह उस व्यक्ति के मकान की चारदीवारी तथा मकान जमीन के बारे में ज्ञान प्राप्त कर सकते हैं पहले घर से ही व्यक्ति की भूख और उसके स्वभाव का संबंध है आदमी दूसरों का कितना परोपकार करेगा इसके बारे में केवल 25% जाना जा सकता है
पहले घर से हमें यह ज्ञात होता है कि वह व्यक्ति पुरानी रस्मो पर कितना चलता है यह घर हमारे बचपन के समय से ज्यादा संबंधित होता है बचपन का अर्थ सीमित है यह 25 वर्ष तक की आयु के हिस्से से विशेष संबंध रखता है
पहले घर का हमारे इस जीवन में पिछले जन्मों से चले आ रहे कर्म यानी वह करम जिसका फल हमें इस जन्म में भोगना है का भी संबंध है हमारे भाग्य का जितना अधिकार हम पर रहेगा उसका संबंध भी इसी घर से है
पहला घर पूर्व दिशा का कारक है फलादेश करते समय मानवीय चीजों का महत्व बहुत ही सहायक होता है संक्षेप में जिस व्यक्ति का सूर्य बहुत अच्छा है उसके लिए पूर्व दिशा में उसका मकान होना उसके लिए बड़ा ही लाभदायक रहेगा इसी तरह जिस व्यक्ति का मंगल बहुत अच्छी दिशा में होगा उस व्यक्ति के लिए दक्षिण का मकान शुभ फल देगा
पहला घर हमारे व्यवसाय से संबंध रखता है हमारे कार्य क्षेत्र का ज्ञान उसी की पहचान भी पहले घर से होती है हम धन दौलत किसी साधन से कम आएंगे यह बात भी हमें पहले घर से ही पता चलती है जहां हम बैठकर दूसरों लोगों से बात करते हैं उस शख्स से भी उसका संबंध है विशेषकर आसन से यह घर बताता है कि हम जीवन में किस जगह किस ऊंचाई पर पहुंचेंगे उदाहरण के लिए पहले घर में बैठे बस पति को गद्दीशीन साधु कहते हैं ऐसा साधु जो गरीबी का मरा हुआ या भीख मंगा ना हो बल्कि एक बादशाह जैसा हो और ऊंचे घर पर अपनी गद्दी पर बैठा हूं उसी तरह हम अपनी नौकरी या कारोबार के बारे में कितने ऊंचे स्तर पर रहेंगे या पहुंचेंगे यही बात भी पहले घर से पता चलती है
पहले घर का संबंध हमारे वाहन जैसे स्कूटर कार साइकिल घोड़ा घोड़ा गाड़ी आदि वाहन भी है आदमी जो धन अपने परिश्रम और प्रयत्नों से कम आता है उस धन का संबंध भी पहले घर से ही है वर्तमान के बारे में भी पहले घर से जाना जा सकता है पहला घर हमारे इस जन्म के कर्मों का तो है ही साथ ही हमारी तरुण अवस्था के समय का भी इस घर से निकटतम संबंध है
पहले घर का संबंध हमारे शरीर के अंगों से भी है यह उस जड़ी बूटियों से भी विशेष संबंध रखता है जो औषधियों के काम में आती है इस घर में बैठे ग्रह से उस जन्मकुंडली वाले को कौन सी औषधि लाभदायक हो सकती है यह भी जान सकते हैं उपचार का कौन सा उपाय उस व्यक्ति के लिए उपयोगी होगा इसका ज्ञान भी हम पहले घर से ही कर सकते हैं पहले घर का संबंध हमारे मकान से भी है चाहे बना बनाया हो या पुराना ही खरीदा गया हो या नया बनवाया हो दोनों प्रकार के घरों का संबंध पहले घर से ही है
पहले घर का संबंध हमारे शरीर के भागो विशेषकर माथे या चेहरे से भी है पहले घर से ही व्यक्ति के अहंकार का पता चलता है अहंकार और अभिमान की उसमें कितनी मात्रा है यह यह बात भी हम जान सकते हैं हमारी आध्यात्मिकता का क्या मापदंड है
पहले घर हमारे वर्तमान का दर्शक है हम पिछले जन्म के अपने कर्मों के अनुसार कैसा भाग्य लेकर जन्मे हैं उसका भी यह घर दर्शाता है पिछले जन्मों के कर्मों के अनुसार हम क्या क्या भोगएंगे आर्थिक स्तर और क्या कमाएंगे इन दोनों बातों का इस घर से बड़ा ही विशेष संबंध है
पहले घर का कारक ग्रह सूर्य हैं इस घर में सूर्य ग्रह उसका फल देते हैं पहले घर में शनि नीच माना जाता है उसका शुभ फल कभी नहीं मिलता प्राचीन ज्योतिष के आधार पर काल पुरुष की कुंडली के अनुसार पहले घर का मालिक मंगल है यहां मंगल शुभ फल देता है
अतः अधिक जानकारी के लिए या महाराज जी के द्वारा ज्योतिष सीखने के लिए आप संपर्क कर सकते हैं
जातक की कुंडली में सूर्य जहां कहीं भी स्थित हो उसकी दिशा से पता चलेगा कि पहले घर में क्या होगा इसी प्रकार सभी घरों में घरों के कारको का वृत्तांत आएगा तो वह कहीं भी स्थित हो उसकी अवस्था देख कर ही उसके घर का पक्का फलादेश स्पष्ट हो जाएगा
कुंडली के पहले घर से हम जिस तरह किसी व्यक्ति का नाम उसकी हैसियत जान सकते हैं उसी तरह उस व्यक्ति के मकान की चारदीवारी तथा मकान जमीन के बारे में ज्ञान प्राप्त कर सकते हैं पहले घर से ही व्यक्ति की भूख और उसके स्वभाव का संबंध है आदमी दूसरों का कितना परोपकार करेगा इसके बारे में केवल 25% जाना जा सकता है
पहले घर से हमें यह ज्ञात होता है कि वह व्यक्ति पुरानी रस्मो पर कितना चलता है यह घर हमारे बचपन के समय से ज्यादा संबंधित होता है बचपन का अर्थ सीमित है यह 25 वर्ष तक की आयु के हिस्से से विशेष संबंध रखता है
पहले घर का हमारे इस जीवन में पिछले जन्मों से चले आ रहे कर्म यानी वह करम जिसका फल हमें इस जन्म में भोगना है का भी संबंध है हमारे भाग्य का जितना अधिकार हम पर रहेगा उसका संबंध भी इसी घर से है
पहला घर पूर्व दिशा का कारक है फलादेश करते समय मानवीय चीजों का महत्व बहुत ही सहायक होता है संक्षेप में जिस व्यक्ति का सूर्य बहुत अच्छा है उसके लिए पूर्व दिशा में उसका मकान होना उसके लिए बड़ा ही लाभदायक रहेगा इसी तरह जिस व्यक्ति का मंगल बहुत अच्छी दिशा में होगा उस व्यक्ति के लिए दक्षिण का मकान शुभ फल देगा
पहला घर हमारे व्यवसाय से संबंध रखता है हमारे कार्य क्षेत्र का ज्ञान उसी की पहचान भी पहले घर से होती है हम धन दौलत किसी साधन से कम आएंगे यह बात भी हमें पहले घर से ही पता चलती है जहां हम बैठकर दूसरों लोगों से बात करते हैं उस शख्स से भी उसका संबंध है विशेषकर आसन से यह घर बताता है कि हम जीवन में किस जगह किस ऊंचाई पर पहुंचेंगे उदाहरण के लिए पहले घर में बैठे बस पति को गद्दीशीन साधु कहते हैं ऐसा साधु जो गरीबी का मरा हुआ या भीख मंगा ना हो बल्कि एक बादशाह जैसा हो और ऊंचे घर पर अपनी गद्दी पर बैठा हूं उसी तरह हम अपनी नौकरी या कारोबार के बारे में कितने ऊंचे स्तर पर रहेंगे या पहुंचेंगे यही बात भी पहले घर से पता चलती है
पहले घर का संबंध हमारे वाहन जैसे स्कूटर कार साइकिल घोड़ा घोड़ा गाड़ी आदि वाहन भी है आदमी जो धन अपने परिश्रम और प्रयत्नों से कम आता है उस धन का संबंध भी पहले घर से ही है वर्तमान के बारे में भी पहले घर से जाना जा सकता है पहला घर हमारे इस जन्म के कर्मों का तो है ही साथ ही हमारी तरुण अवस्था के समय का भी इस घर से निकटतम संबंध है
पहले घर का संबंध हमारे शरीर के अंगों से भी है यह उस जड़ी बूटियों से भी विशेष संबंध रखता है जो औषधियों के काम में आती है इस घर में बैठे ग्रह से उस जन्मकुंडली वाले को कौन सी औषधि लाभदायक हो सकती है यह भी जान सकते हैं उपचार का कौन सा उपाय उस व्यक्ति के लिए उपयोगी होगा इसका ज्ञान भी हम पहले घर से ही कर सकते हैं पहले घर का संबंध हमारे मकान से भी है चाहे बना बनाया हो या पुराना ही खरीदा गया हो या नया बनवाया हो दोनों प्रकार के घरों का संबंध पहले घर से ही है
पहले घर का संबंध हमारे शरीर के भागो विशेषकर माथे या चेहरे से भी है पहले घर से ही व्यक्ति के अहंकार का पता चलता है अहंकार और अभिमान की उसमें कितनी मात्रा है यह यह बात भी हम जान सकते हैं हमारी आध्यात्मिकता का क्या मापदंड है
पहले घर हमारे वर्तमान का दर्शक है हम पिछले जन्म के अपने कर्मों के अनुसार कैसा भाग्य लेकर जन्मे हैं उसका भी यह घर दर्शाता है पिछले जन्मों के कर्मों के अनुसार हम क्या क्या भोगएंगे आर्थिक स्तर और क्या कमाएंगे इन दोनों बातों का इस घर से बड़ा ही विशेष संबंध है
पहले घर का कारक ग्रह सूर्य हैं इस घर में सूर्य ग्रह उसका फल देते हैं पहले घर में शनि नीच माना जाता है उसका शुभ फल कभी नहीं मिलता प्राचीन ज्योतिष के आधार पर काल पुरुष की कुंडली के अनुसार पहले घर का मालिक मंगल है यहां मंगल शुभ फल देता है
अतः अधिक जानकारी के लिए या महाराज जी के द्वारा ज्योतिष सीखने के लिए आप संपर्क कर सकते हैं