मूलांक 8 का जीवन, भविष्य, कर्म, जिम्मेदारी, के बारे में


मूलांक 8
जिन व्यक्तियों का जन्म महीने की तारीख 8 तारीख 17 तारीख और 26 तारीख को हुआ है। उनका मूलांक 8 होता है। इस का प्रभाव उस व्यक्ति पर पड़ता है। जो किसी भी महीने की 8, 17, 26 तारीख को पैदा हुए हैं। यदि मूलांक 8 से प्रभावित व्यक्तियों का जन्म 21 दिसंबर से 26 जनवरी तक 8, 17, 26 तारीख को हुआ हो उन पर इसका प्रभाव और अधिक बढ़ जाता है। क्योंकि यह शनि का समय माना जाता है। मूलांक 8 वाले व्यक्तियों का स्वामी ग्रह शनि देव भगवान होते हैं। शनिदेव भगवान का प्रभाव 2 वर्ष 6 मास लेकर 30 वर्ष तक रहता है। क्योंकि यह प्रतिक राशि पर अड़ाई वर्ष रहता है। और 30 वर्ष में सभी राशियों का चक्कर पूरा कर लेता है। शनि एक बड़ा ग्रह है। कुछ ज्योतिषी इसे अशुभ ग्रह मानते हैं। और कुछ का कहना है कि यह कर्मठ ग्रह है अर्थात शनि के प्रभावित व्यक्ति जीवन भर संघर्ष से जूँझता रहता है। उनका जीवन उथल-पुथल से भरा रहता है। ओर परिवर्तनशील रहता है शनि अन्य ग्रहों से बहुत भिन्न है। अतः इस ग्रह के प्रभावित व्यक्ति भी अपनी किस्मत के निराले ही रहते हैं। वे दीन दुनिया से भी अलग फलक रहते हैं। अथवा यू कहे जाए कि शनि ग्रह के प्रभाव के कारण वह अलग अलग पड़ जाते हैं। शनि वायु तत्व प्रधान ग्रह है। अपने जीवन में अनुभव किया होगा कि जब तक मन्द समीर चलता है तो सांसारिक प्राणी प्रसन्न रहते हैं और जब वहीं मन्द समीर नए रहकर आंधी तूफान का रूप धारण कर लेता है तो विश्व के समस्त प्राणी ताई ताई कर बैठते हैं। इसी प्रकार मूलांक 8 वाले व्यक्ति भी जब तक मित्र रहते हैं। तब तक हर प्रकार की सहायता सेवा करते रहते हैं। और किसी पर से उनकी आस्था उठ जाती है। तो जो जिस प्रकार आंधी से बड़े-बड़े विशाल वृक्ष धराशाई हो जाते हैं। उसी प्रकार यह भी शत्रु को जड़ मूल से नष्ट कर देने की धारणा बना लेते हैं।
विशेषताएं:-
आप पहले से सावधान व्यक्तियों को समझ नहीं पाते हैं। इसलिए आपके प्रति संदेह की भावना पैदा हो जाती है। और आप अलग-थलग पड़ जाते हैं। आप बाहरी प्रेम प्रदर्शन नहीं कर सकते नही करते हैं। अतः लोग आपको रुखा और कठोर समझते हैं। परंतु वास्तव में आप वैसे आप इस बात की परवाह भी नहीं करते कि लोग आपके बारे में क्या सोचते हैं। आप शर्म प्राकृतिक व्यक्ति है। अर्थात आप मध्य मार्ग नहीं अपना सकते हैं। यह आपके व्यक्तित्व की अपनी एक विशेषताएं हैं। किसी अनोखे एवं वशिष्ठ व्यक्ति के कारण नहीं कि आप अपने जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा जाते हैं। पराए अपनी वृत्ति धार्मिक नहीं होती पर यदि धार्मिक व्यक्ति जाग उठे तो आप सीमाओं को भी लग सकते हैं। और उस धार्मिक उत्साह में अंधविश्वास की हद तक पहुंच जाते हैं। यदि आप किसी कार्य का उत्तरदाई विक कर ले तो आप उसे पूरा करके ही छोड़ते हैं। इसमें आपको प्राय हानि या नुकसान ही क्यों ना हो कार्य को पूरी तरह सर जाम देने के उत्साह में अपनी जेब से खर्च करके आर्थिक हानि भी उठा सकते हैं।इतना ही नहीं इस तरह के उत्साह में आप मैं तो किसी विरोध की चिंता करते हैं। और ना ही किसी तरह का आप पर कोई प्रभाव पड़ता है। इसी वजह से कुछ लोग आपके कट्टर दुश्मन भी बन सकते हैं। आप पर आए अंतर्मुखी हैं बिना किसी शोर शराबे और प्रचार के अपना कार्य करते रहते हैं। और उस कार्य के बड़े दूरगामी परिणाम होते हैं। अर्थात जो भी कार्य आप करते हैं वह खुश होता है खोखला नहीं और जब वह कार्य पूर्ण हो जाता है। तो लोग उस कार्य की सराहना भी करते हैं। आप अपने जीवन में या तो बहुत सफलता प्राप्त करेंगे या फिर कितने असफल रहेंगे कि जिसका कोई ठिकाना नहीं होगा। जीवन में धीरे धीरे नहीं चल सकते एक समान नहीं रहते या तो आप सफलताओं के शिखर पर होंगे या असफलताओं के अंधकार में सांसारिक दृष्टिकोण से भी मुलाकात सौभाग्यशाली अंक नहीं समझा जाता है। यही कहा जाता है कि शनि से प्रभावित मूलांक 8 अंक वाले व्यक्ति पर आए परेशान उदास और दुखी ही रहते हैं। इन्हें सदा अपमानित होना पड़ता है। वस्तुतः इस मूलांक को समझना कठिन माना जाता है। रोमन में 8 लिखने पर दो गोल ले बनते हैं और वे आपस में घुसे रहते हैं। तत्पश्चात ज्योतिषी इन दोनों को लोग का महत्व प्रथक प्रथक प्रकार से आते हैं। वह एक गोले को भौतिक और दूसरे को अध्यात्मिक प्रवृत्तियों का प्रतीक मानते हैं। इसलिए यह माना जाता है कि मूलांक 8 से प्रभावित व्यक्तियों के संबंध मैं यह कहना कठिन नहीं है कि वह कब क्या कर डालें इसका पता नहीं है। इस मौलिक और अध्यात्मिक भावनाओं के प्रति गोलू से यह अर्थ भी लिया जाता है। कि जहां इस अंक का एक भाग व्यक्ति अथवा राष्ट्र के लिए उतार-चढ़ाव क्रांति तथा भयंकर आपदाओं का घोक है। वहीं दूसरा गोला दार्शनिक विचारों तथा तंत्र आदि गुढ विद्याओं के अध्ययन की प्रवृत्ति धार्मिकता अपने लक्ष्य की ओर पूर्ण तन्मयता तथा सोपे गए कार्यों के प्रति जिम्मेदारी का प्रतीक है। आप दूसरों के प्रति जो उदारता का व्यवहार करते हैं। आपको उसका फल कभी नहीं मिलता जो भी कार्य करते हैं। आपके जीते जी उसका श्रेय आपको प्राप्त नहीं होता परंतु जब आप काल कावलित हो जाए तो अपने कार्यों की तारीफ के पुल बांदे जाएंगे। आपकी प्रशंसा बढ़ती जाएगी आप को श्रद्धा अर्पित की जाएगी। यह भाग्य का फेर नहीं तो क्या है आप गंभीर प्रवृत्ति के व्यक्ति हैं। आपके जीवन में बच पाना और चिचोरापन नहीं है। आप जो कुछ भी करते हैं  किसी तरह आधार पर ही होते हैं लोग आपकी बातों को एक कान से सुनते हैं दूसरे से निकाल देते हैं। पर इससे आपको कोई अंतर नहीं पड़ता आप या तो नीम अथवा सामान्य स्तर के हैं। अथवा बहुत ऊंचे स्तर के मूलांक 8 से प्रभावित सामान्य स्तर के व्यक्ति अन्याय के प्रति आजीवन झूलते रहते हैं। इन्हें सामाजिक व्यवस्थाओं के प्राय शिकवा बना रहता है। और इसी कष्ट में वह अपनी जीवन लीला समाप्त कर लेते हैं। परंतु ऐसे व्यक्ति को दोष सोए लोग जीवन भर नहीं समझ पाते हैं। उनके संदेहास्पद जीवन का रहस्य शायद जगत नियंता जानता हो आप दिखावा पसंद नहीं करते इसलिए लोग आपको कठोर और रुखा समझते हैं। आप परंपराओं और रीति-रिवाजों से बंधे नहीं रहते इसलिए लोग आपको गलत समझते हैं। परंतु आपका दिल प्रेम से परिपूर्ण होता है। आप जहां हर दिल से दूसरे व्यक्तियों से प्रेम करते हैं। तो बदले में उससे भी प्रेम की आशा रखते हैं। पर दिखावा न होने से आप एकाकी जीवन ही बिताते हैं। वैसे आप अपने मित्रों के लिए सब कुछ निछावर करने के लिए तैयार रहते हैं। यदि आप में महत्व कांसा जागृत हो जाए तो आप सदा ऊंचा पद चाहेंगे बड़ा करो कारोबार चाहेंगे अच्छा सम्मान चाहेंगे। अर्थ सभी ऊंचे स्तर का होना चाहेंगे उस समय आपको छोटा पद छोटा कार्य या व्यापार पसंद नहीं होगा तब घटिया परिस्थिति से आपका समाज से स्थापित ना हो पाएगा महत्वाकांक्षा की पूर्ति के लिए आप कुछ भी कर सकते हैं। शनि के प्रभाव के कारण ही अधिकांश लोग मूलांक 8 को ऐसे बनते हैं। वैसे भी आप बहुत कठिनाइयां महसूस करते हैं। और आपको बहुत से झटके झेलने पड़ते हैं। लेकिन आप की यह विशेषता होती है कि आप बड़े से बड़े झमेले से भी थोड़े दिनों में निकल जाते हैं या संभाल लेते हैं। वैसे तो आप नौकरी से घृणा करते हैं। परंतु परिस्थिति वंश आप छोटे पद पर भी कार्य करने को तैयार हो सकते हैं। धन संपत्ति के लिए आप कुछ भी कर सकते हैं। परंतु धन का दुरुपयोग आप नहीं कर सकते है। जिन लोगों को यह अनुकूल पड़ जाता है। तो उन्हें लाखों करोड़ों का स्वामी भी बना सकता है। आपके जीवन में आमोद प्रमोद के छन बहुत ही कम होते हैं। आपका जीवन निरंतर काम में लगा रहता है। काम ही आपका मनोरंजन है। आप इस बात की चिंता नहीं करते कि आपको कुछ और मनोरंजन भी चाहिए अलग-थलग पड़ जाने से आपके मन में प्राय निराशा घर कर लेती है। आप दूसरों से घुल मिल नहीं सकते है। आपका स्वभाव है कि आप के संबंध में दूसरे लोगों के कुछ विचारो मैं यह कार्य की प्रशंसा अवश्य करेंगे। शनि के प्रभाव के कारण आप हमेशा आशंकित रहते हैं। कि कहीं कोई दुर्घटना ना हो जाए। आप पर आए चौकन्ना और परेशान रहते हैं। कि कहीं से लड़ाई झगड़ा ना हो जाए और वास्तव में ऐसे भाव उग्र रूप से आक्रमण कर देते हैं। जब समय अनुकूल में हो आपने कोई व्यसन आवश्यक होता है यदि आप एक बार किसी व्यसन में फंस जाए तो उससे पिंड छुड़ाना बहुत कठिन होता है। उसके प्रभाव और परिणाम दोनों ही बुरे रहते हैं। सब कुछ होने पर भी आप अनुभवी होते हैं। अर्थात छोटी आयु में ही आप में सूझबूझ आ जाती है।
सावधानियां:-
कोई भी व्यक्ति सर्वगुण संपन्न नहीं होता उसमें कुछ ना कुछ दोष आवश्यक होता है। इन दोष से बचने के लिए आपको निम्न प्रकार की सावधानी बरतनी चाहिए। अपनी स्त्री से कोई भी बात नहीं छुपानी चाहिए। आप का रहस्य खुलने पर आपको उनकी दृष्टि में नीचा देखना पड़ सकता है। आप की पत्नी का स्वभाव कुछ रूखा हो परंतु आप इस कारण स्वयं को चिड़चिड़ा ना बनाएं। उसका इलाज कराएं एक जगह बैठकर स्थिर ना रहे यात्रा करें और दूसरों को अपना मित्र बनाएं लोगों से मिले उनके घर जाएं उन्हें अपने घर बुलाए चाय भोजन आदि पर आमंत्रित करें। इससे भी आपको लाभ हो सकता है। संकोच को त्याग दीजिए अपनी बात को नी संकोच कहिए। इससे आपको इंटरव्यू या व्यापार आदि संबंधों में लाभ तो होगा। अपना काम दूसरों के भरोसे मत छोड़िए इससे आपको हानि हो सकती है। अपने कार्य को शुरू कीजिए या अपने सामने कराए तो ज्यादा अच्छा है। किसी से सहायता की आशा मत कीजिए। आप के संबंधी भाई रिश्तेदार आपकी कुछ सहायता करेंगे ऐसा भ्रम ना रखें स्वयं ही कमर कस कर काम कीजिए। आपके शत्रु या विरोधी काफी हो सकते हैं परंतु घबराए नहीं। अपने लक्ष्य की ओर बढ़ते रहें विजय आपकी ही होगी। जिन दिनों आपका समय अच्छा ना चले उन दिनों किसी भी प्रकार का लेनदेन या व्यापार समझौता साझेदारी ना करें। और अपनी हट को त्याग दें। दूसरे शब्दों में दूसरों के परामर्श की ओर अपना ध्यान दें। धन प्राप्ति के लिए नीच कार्यों की ओर प्रवृत्त मैं पैसा को ही सब कुछ ना माने। ईश्वर धारणा बनाए रखें। हर समय भविष्य की चिंता ना करें। सोच विचार कर कार्य करते रहिए। फल को भाग्य के भरोसे छोड़ दीजिए किसी के भी दिन सदा बुरे अथवा अंधकार में नहीं रहते हैं। इसलिए निराशा एवं भविष्य की चिंता को छोड़ कर काम करते रहे। कर्म ही पूजा है यह मानते रहे। आपको अवश्य ही सफलता मिलेगी। जीवन में प्रसन्नता वह मुस्कुराहट लाते रहे। इससे आपका अकेलापन दूर होगा खींच मिटेगी। और कठिनाइयों को सहने की शक्ति भी प्राप्त होगी। नशा व तमाखू को छोड़ दीजिए। यह आप के पतन का कारण हो सकता है। आपका घर वायु प्रधान हैं। अतः आप को बहुत कष्ट भी हो सकता है। इससे बचने के उपाय करें। आत के रोग वह इंफेक्शन से बचें। आप को बुढापे में पांव का दर्द या घटिया आदि भी हो सकता है। इसलिए पहले ध्यान रखें विटामिन और रसायनों का सेवन करते रहे। मूलांक 8 वाले व्यक्तियों के सर के बाल भी जल्दी ही उठ जाते हैं। श्वासन रक्त और मूत्र संबंधित रोग भी हो सकता है। अतः इस संबंध में पहले ही ध्यान रखें। हरी साग सब्जियां आपके स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभदायक तथा फलों का सेवन थोड़ा बहुत नित्य प्रतिदिन जरूर करें। अन्य स्त्रियों से प्रेम के चक्कर में ना पड़ें या स्त्री या पुरुष के चक्कर में ना पड़ें। आपका मन बार-बार करता होगा परंतु मन को कंट्रोल में रखें तो आपके परिवार के लिए बहुत ही अच्छा रहेगा क्योंकि यह आपका क्षेत्र नहीं है। इससे आप कभी अपमानित या कोर्ट कचहरी के चक्कर लगाने पर सकते हैं।
अनुकूल एवं प्रतिकूल समय:-
21 दिसंबर से 26 जनवरी तक का समय आपके लिए अनुकूल है। इस काल में किए हुए कार्य अवश्य ही सफल होंगे। इस बीच में आपको अचानक धन लाभ भी हो सकता है। नए कार्य भी बन सकते हैं। अगर आप के नए कार्यों में कोई परेशानी आ रही है। तो गरीबों की सेवा करें इससे आपको अवश्य ही धन लाभ होगा।
शुभ अशुभ वर्ष तारीख एवं वार:-
मूलांक 8 वालों के लिए 8, 17, 26, 35, 44, 53, 62, 83 तथा 89, वर्ष शुभ होते हैं। इसके अतिरिक्त मूलांक 2 यह 4 अंक वाले वर्ष भी आपके लिए शुभ है। वह सब ही आपके लिए शुभ ही रहेंगे। इसके अतिरिक्त में वर्ष भी आपके लिए शुभ रहेंगे जिनमें से चार का विभाजन किया जा सके इसी प्रकार किसी भी महीने की 8, 17 तथा 26 तारीख अर्थात जिनका योग 8 बनता है। वह दिन आपके लिए शुभ रहेंगे। इन दिनों में यदि कार्य आरंभ किया जाए तो अवश्य ही सफलता मिलेगी। यदि इन तारीखों में शनिवार का दिन पड़ता हो तो वह दिन आपके लिए बड़ा ही उत्तम माना जाएगा। वैसे आप के लिए शनिवार ही सर्वश्रेष्ठ दिन है।
अनुकूल एवं प्रतिकूल रंग:-
मूलांक 8 वाले व्यक्तियों के लिए गहरा भूरा काला गहरा नीला तथा बैंगनी रंग अति शुभ माना जाता है। हल्के हरे रंगो अनुकूल नहीं समझते यदि आप अपनी जेब में हर समय एक काला रुमाल रखे तो आपके लिए अच्छा रहेगा। इससे आपकी परेशानियां कम होगी।
भाग्यशाली रत्न
मूलांक 8 वाले व्यक्तियों के लिए गहरे रंग का नीलम विशेष लाभदायक है। काला मोती और काला हीरा भी पहन सकते हैं। यदि सौभाग्य वर्तक रंगों का गहरा होना आवश्यक है। तो रत्न भी गहरे रंग के होने चाहिए। और रत्न की अधिक जानकारी के लिए आप महाराज जी से भी संपर्क कर सकते हैं।
देवता, ध्यान, मंत्र, एवं व्रत, उपवास
आप का प्रधान देवता शनि भगवान है। शनि देव की पंच धातु की मूर्ति बनाकर उसकी पूजा करें। और शनि देव भगवान के मंत्रों का जप भी कर सकते हैं। यदि आपका समय खराब चल रहा है तो शनिवार को थोड़े से सरसों के तेल में अपनी परछाई देखकर किसी बूढ़े व काले रंग के भिखारी को दान कर दे। और दक्षिणा भी दे दे। काले तिलों का दान भी करें और हो सकता है तो शनिवार का व्रत भी करें और भोजन एक ही समय करें। भोजन में गुड और काले तिल के लड्डू अवश्य ही सम्मिलित करें।
नोट :-  आप महाराज जी से समय लेने के लिए या महाराज जी को कुंडली या वास्तु के प्रश्न के लिए आप सभी महाराज जी से मिल सकते हैं या ऑनलाइन कुंडली का विमोचन करा सकते हैं
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