मूलांक 4 का जीवन,भविष्य, कर्म, जिम्मेदारी,के बारे में


मूलांक 4
जिन व्यक्तियों का जन्म महीने की 4 तारीख 13 तारीख 22 तारीख और 31 तारीख को हुआ है उनका मूलांक 4 होता है मूलांक 4 का स्वामी ग्रह हर्षल होता है जिसका संबंध सूर्य से होता है हर्षल  सूर्य के समान गुण वाला ग्रह होता है यह अपेक्षाकृत नया ग्रह है यह ग्रह भी सूर्य के समान ही ज्वलनशील और तेजस्वी तथा जीवन में भारी उथल-पुथल करने वाला है इसका स्वभाव सहसा प्रगति विस्फोट आश्चर्यजनक कार्य और जीवन में ऐसी घटनाएं होना है जो सर्वथा असंभव प्रतीत होती है जिन व्यक्तियों के मूल अंक 4 होता है उसके जीवन में अचानक ही धन प्राप्त हो सकता है अचानक ही उनका प्रमोशन भी होता है अचानक ही उन्हें नौकरी मिल जाती है और अचानक इन का दिवाला निकल जाता है इनका जीवन विचित्रताओ से पूण रहता है
विशेषताएं
आपका जीवन विविधताओं और उथल-पुथल से परिपूर्ण है जीवन में आपको संघर्ष ही अधिक करना पड़ता है आप प्रत्येक वस्तुओं को अपने अलग ही दृष्टिकोण से देखते हैं किसी बहस या परिचर्चा में आप सदा ही विरोधी रुख अपनाते हैं किसी कारण पर आए लोगों को झगड़ालू समझते हैं और आपके शत्रु भी बन जाते हैं परंतु वास्तव में आप ऐसे नहीं हैं आपका जीवन किसी सुधारक जैसा है तथा आप समाज में प्रचलित रूढियो को समाप्त करने वाले हैं आप बड़ी ही सरलता से मित्र बना सकते हैं आपके मित्र भी काफी बनेंगे परंतु उनमें से अनेक झूठ भी जाएंगे कालांतर में वह आपके शत्रु भी बन सकते हैं परंतु फिर भी मैं आपका कुछ बिगाड़ नहीं सकते हैं धनोपार्जन  मैं आपको वैसी सफलता नहीं मिलती जैसे अन्य मूलांक वालों को मिलती है यदि आपके पास रुपया पैसा आ जाए तो आप उसे सनिचत करके नहीं रख सकते क्योंकि रुपैया आप इस ढंग से खर्च करते हैं की लोग देखकर हैरान हो जाते हैं आपके जीवन में ऐसे परिवर्तन आते रहते हैं जो एकदम विपरीत हो क्रोध में होने पर आप सूर्य के समान ही प्रचंड रूप धारण कर लेते हैं परंतु क्रोध उतरने पर आप मोम की तरह नरम हो जाते हैं क्रोध आपको जल्दी आता है पर वह जल्दी ही उतर भी जाता है क्रोध के कारण कुछ व्यक्ति आपसे नाराज भी हो जाते हैं और मौका मिलते ही आपको हानि पहुंचाते हैं आप अचानक लखपति बन सकते हैं लेकिन दिवालिया बनने में भी आपको देर नहीं लगती आपका जीवन किसी भी भयंकर परिवर्तनों से भरा हुआ है आप अपने मन के रहस्य को किसी भी प्रकार से दूसरों को प्रकट नहीं करना चाहते हैं आप निकटतम भविष्य में क्या करना चाहते हैं यह जान लेना बड़ा ही कठिन है परिवार वाले तो क्या आपकी पत्नी भी इसे नहीं जान सकती आपके मित्र भी आप जैसे अगुआ व्यक्ति ही होंगे तथा वही व्यक्ति आपके मित्र बन सकेंगे जिनके दिमाग में उनकी बात हो और जो समाज सुधार या नेता हो अथवा किसी अन्य अच्छे पद पर आसीन हो सूर्य से प्रभावित व्यक्तियों से ही उसकी मित्रता अच्छी तरह से चल पाती हैं आप काफी संभलकर काम करते हैं परंतु फिर भी आप से कुछ ऐसे काम हो जाते हैं जिसका परिणाम अच्छा नहीं होता पर कई बार ऐसे उल्टे सीधे कामों से आपको अचानक लाभ भी हो जाता है आपका मस्तिक बड़ अनिणायक  है कई दिनों तक भी आप कोई निर्णय नहीं ले पाते एसी अनिश्चितता स्थिति आपको हानि पहुंचाती है आप दूसरे के परामर्श के बिना कोई भी काम नहीं कर पाते स्वतंत्र निर्णय लेना आपके बस की बात नहीं आप कई बार दूसरों को हानि पहुंचा कर भी अपना स्वार्थ सिद्ध कर लेते हैं परंतु कभी ना कभी आपको यह अनुभव अवश्य होता है कि आपने ठीक नहीं किया आपको सदा यह संदेश बना रहता है कि आप अकेले हैं आपका कोई मित्र साथी नहीं है वास्तव में यह आपके मन का भ्रम है आपके कुछ विश्व स्तर मित्र अवश्य है उन्हें पहचानिए लोगों को आप पर भ्रम होता है कि आपके पास बहुत धन है क्योंकि आप धन को सही ढंग से खर्च करते हैं मानो वह किसी दूसरे का हो आपको वृद्धावस्था में भी धन प्राप्ति के पर्याप्त शर्म करना पड़ सकता है आप भावुक होने के कारण आप उतावले भी हैं आप चाहते हैं कि जो भी कार्य हो तुरंत हो देरी आपको पसंद नहीं है आपकी पत्नी का स्वास्थ्य अच्छा नहीं रहेगा उनका पेट खराब रहेगा और  चिड़चिड़ा होंगे आप कला प्रेम का आडंबर अधिक करते हैं परंतु आप अच्छे कला पारखी नहीं है आपको अपने पिता से कोई संपत्ति प्राप्त नहीं होगी होगी भी तो उसमें शो झंझट होंगे बेटा और भाइयों से भी आप को विशेष लाभ नहीं मिलता है बेटे देने के बजाय मांगने वाले होते हैं स्वजनों का शोक आपके भाग्य में ही नहीं आपको दूसरों लोगों की सहायता से ऊंचा उठने का अवसर मिलेगा परंतु आपकी इच्छाएं पूर्ण होने और इच्छा अनुसार कार्य मिलने में कठिनाइयां होंगे आप सदा ही एक से अधिक कामों में फंसे रहते हैं आपके मन में तो आपके मन में तो रईसी होती है पर जेब में कंगाली पैसा मिलते ही आप अपने को बादशाह समझने लगते हैं परंतु जब पैसा समाप्त हो जाता है तो आप की हालत किसी मृतप्राय व्यक्ति के समान हो जाती है
सावधानियां
आप में जहां अनेक गुण हैं वहां अनेक दोष भी हैं जो आपको सफलता की ओर ले जाते हैं
1 दूसरों की निंदा के बजाय आप उनकी प्रशंसा करना सीखे
2 दूसरों को झूठे आश्वासन देना छोड़ दे
3 अपनी आय से अधिक रचना करें
4 उन्नति का अवसर आने पर संभल कर रहे
5 सिंह वाले जानवरों के पास न जाए
6 क्रोध में करें और घर में भी शांत वातावरण रखें ऐसा कोई कार्य न करें जिसमें आपको रक्तचाप बढे
7 शरीर में रक्त की कमी ना होने दें तथा छूत के रोग और जुखाम आदि से बचें हृदय रोगों के प्रति भी सचेत रहें
8 यात्रा में किसी पर भी अत्यधिक विश्वास ना करें क्योंकि ऐसा करने से आपको हानि हो सकती हैं
अनुकूल एवं प्रतिकूल समय
मूलांक 4 वाले व्यक्तियों के लिए श्रेष्ठ एवं उन्नति दायक है परंतु अक्टूबर-नवंबर दिसंबर का समय आपके लिए अधिक अनुकूल नहीं है अतः इस अवधि में कार्य किए हुए में रुकावट व स्वास्थ्य में गड़बड़ी आलस्य व्यर्थ की परेशानी और भागदौड़ बनी रहेगी
शुभ अशुभ वर्ष तारीक एवं वार
आपके जीवन में 4था, 13वा, 22वा, 31वा, 40वा, 39वा, 58वा, 67वा, 76वा तथा 85वां वर्ष प्रमुख रहेगा जीवन की प्रमुख घटनाएं इन्हीं वर्षों में होंगी आपको कोई भी शुभ कार्य 4 तारीख 13 तारीख 22 तारीख और 31 तारीख को ही करना अच्छा रहेगा इन तारीख को में किया हुआ कार्य आपको आवश्यक सफलता प्राप्त कर आएगा इसके अतिरिक्त शनिवार रविवार तथा सोमवार कि आप के लिए विशेष एवं शुभ फलदायक है यदि इन शुभ दिन और तारीख को के अतिरिक्त 1, 2, 7, 10, 11, 16, 19, 20, 25, 28,  29, तारीख को को सोमवार पड़े तो वह भी आपके लिए शुभ होगा
अनुकूल एवं प्रतिकूल रंग
मूलांक 4 वाले व्यक्तियों के लिए ऐसी रंगो का प्रयोग करना चाहिए जो धूप छांव जैसे हो अर्थात दो तीन रंग मिले जुल हो आपके लिए ठीक रहेगा अपने मकान में इनमें से ही किसी एक रंग का प्रयोग करें यदि पर्दे आदि भी इसी रंग के हो तो आपके लिए शुभ रहेंगे इनसे आपको व्यक्तित्व निकलेगा हाथी और भूरे रंग भी आपके लिए उत्तम रहेंगे और गहरे रंगों से बचें
भाग्यशाली रत्न
आपके लिए नीलम शुभ फलदायक सिद्ध हो सकता है क्योंकि नीलम भी आपके स्वभाव के अनुरूप होता है निश्चित ही आपको इस रत्न से लाभ मिल सकता है परंतु अच्छा है की अंगूठी धारण करने से पहले इसे एक दिन अपने पास रखकर इसका परीक्षण कर ले नीलम बहुत जल्दी प्रभाव दिखाता है और जीवन में एकाएक उतार-चढ़ाव लाने का कारण हो सकता है असली नीलम काफी महंगा होता है कम से कम 6 रत्ती का नीलम आपको पहनना चाहिए इसे पंचधातु की अंगूठी में पहना जाता है अधिक मूल्यवान होने के कारण सभी लोग इसे नहीं पहन सकते इसलिए मैं नीलम के स्थान पर गोमेद पहन सकते हैं गोमेद चांदी की अंगूठी में पहना जा सकता है नीलम या गोमेद जो पहने शनि के दिन ही मध्यमा उंगली में धारण करें यह ध्यान रखें कि रतन आपके शरीर से स्पर्श करता हुआ होना चाहिए
देवता ध्यान मंत्र एवं व्रत उपवास
आप का प्रधान देवता गणेश जी हैं अपने घर में गणेश मूर्ति या चित्र आवश्यक ही रखें और उसे के सामने घी का दीपक जलाकर पूजा करें धन के अभाव या अन्य किसी परेशानियों में निम्न मंत्र का पाठ करें ओम गण गणपतये नमः आपको सोमवार का व्रत रखना चाहिए और गणेश जी का ध्यान करना चाहिए व्रत के दिन घोड़लियो और आटे के लड्डू बनाकर भगवान को  भोग लगाएं  और केवल एक ही समय भोजन करें और मन को स्वच्छ रखें असहाय व्यक्तियों को इस दिन दान कर सकते हैं
अधिक जानकारी के लिए महाराज जी से संपर्क कर सकते हैं