27 तथा जुलाई 28, 2018 को पूर्ण चन्द्र ग्रहण दर्शनीय होगा

27 तथा जुलाई 28, 2018 को पूर्ण चन्द्र ग्रहण दर्शनीय होगा। वर्ष 2018 में यह दूसरा चन्द्र ग्रहण होगा।यह परिमाण का पूर्ण ग्रहण है, इसलिए अधिकतम ग्रहण के दौरान चन्द्रमाँ पृथ्वी की उपच्छाया से पूर्ण रूप से छिप जायेगा। ग्रहण के समय सूर्य के प्रकाश द्वारा चन्द्रमा लाल रंग में प्रक्षेपित होगा। यह ग्रहण 21 वीं शताब्दी में सबसे लम्बा पूर्ण चन्द्र ग्रहण होगा।

चन्द्र ग्रहण प्रारम्भ - 27 जुलाई को रात्रि 11:54:26 -
चन्द्र ग्रहण समाप्त, रात्रि 03:48:59
स्थानीय ग्रहण की अवधि 03 घण्टे 54 मिनट्स 32 सेकण्ड्स
उपच्छाया से पहला स्पर्श - रात्रि 10:44:48 को
प्रच्छाया से पहला स्पर्श रात्रि 11:54:26
खग्रास प्रारम्भ रात्रि 01:00:14
परमग्रास चन्द्र ग्रहण - 01:51:43
खग्रास समाप्त - 02:43:11
प्रच्छाया से अन्तिम स्पर्श - 03:48:51
उपच्छाया से अन्तिम स्पर्श - 04:48:36
खग्रास की अवधि - 01 घण्टा 42 मिनट्स 56 सेकण्ड्स
खण्डग्रास की अवधि - 03 घण्टे 54 मिनट्स 32 सेकण्ड्स
उपच्छाया की अवधि - 06 घण्टे 13 मिनट्स 48 सेकण्ड्स
सूतक प्रारम्भ - दिन 12:26:10 -
सूतक समाप्त - 03:48:12

🔅चन्द्र ग्रहण अफ्रीका, अंटार्कटिका, एशिया, ऑस्ट्रेलिया, यूरोप और दक्षिणी अमेरिका से दिखाई देगा। उत्तरी अमेरिका महाद्वीप के देशों जैसे अमेरिका, कनाडा से ग्रहण बिलकुल भी दिखाई नहीं देगा।
🔅पूर्ण चन्द्र ग्रहण भारत, श्रीलंका, पकिस्तान, नेपाल, मलेशिया, इंडोनेशिया और एशिया महाद्वीप के अधिकांश देशों से दिखाई देगा।
🔅जिन लोगो जन्म कर्क राशि या कर्क लग्न में हुआ है उन लोगो के लिए यह ग्रहण काफी कष्टकारी हो सकता है लेकिन वहीँ कुछ ऐसी भी राशियां है, जिस राशि के जातको को इस ग्रहण का काफी लाभ मिल सकता है।
ग्रहण के प्रभाव को कम करने के लिए जातको को ग्रहण प्रारम्भ होने से पूर्व चाँदी का चन्द्रमा और नाग बनवाकर रखना चाहिए और जैसे ही ग्रहण समाप्त हो जाए तो इनका दान कर दें
🔅 हर गर्भवती महिला को ध्यान में रखनी चाहिए कि चंद्रग्रहण के समय किसी भी गर्भवती महिला को चंद्रग्रहण नहीं देखना चाहिए। चंद्रग्रहण के समय ईश्वर का ध्यान, जाप और पूजा करनी चाहिए। चंद्रग्रहण के दौरान भोजन दूषित हो जाते है इसलिए चंद्रग्रहण के दौरान भोजन ग्रहण व बनाना नहीं करना चाहिए। भोजन को दूषित होने से बचाने के लिए ग्रहण प्रारम्भ होने के पूर्व खाने के भोजन, पीने के जल में तुलसी का पत्ता डाल दे ऐसा करने से भोजन दूषित नहीं होगा। ग्रहण समाप्त होने के बाद तुलसी के पत्ते को बाहर निकाल दें। चंद्रग्रहण प्रारम्भ होने के बाद गर्भवती महिलाऐं घर से बाहर न निकले। यदि बाहर निकलना आवश्यक हो तो अपने गर्भ पर चंदन के साथ तुलसी के पत्तो को पीसकर उसका लेप तैयार करें और उसे लगा कर घर के बाहर निकले। ग्रहण के समय गर्भवती स्त्रियाँ कैची, ब्लेड और किसी भी काटने वाले वस्तु को हाथ न लगाए और न ही इनका प्रयोग करें। ग्रहण के समय गर्भवती स्त्रियाँ भगवान श्री कृष्ण का मंत्र जाप करें। ऐसा करना उनके लिए काफी शुभ साबित होगा।